जीवन खत्म हुआ तो, जीने का ढंग आया
Category: निर्गुण भजन nirgun Bhajan
जिंदगी में हजारों का मेला जुड़ा।
मत कर माया को अहंकार, मत कर काया को अभिमान
सजधज के जिस दिन मौत,की शहजादी आयेगी
यह विनती है पल पल क्षण क्षण, रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में।
तूने हीरो सो जनम गवांयो रे, भजन बिना बावरे
दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी, अखियां प्यासी रे
भिखारी सारी दुनिया, दाता एक राम
कोई नही इस जग में अपनो,जान ले।
भेलों करले राम नाम धन,काम यो आवेगो।
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