जिंदगी एक किराए का घर है
Tag: jindagi me hajaro ka mela
एक डाल दो पंछी बैठह्या,कोन गुरु कुन चेला
समय को भरोसो कोनी,कद पलटी मार जावे।
बुढ़ापा बैरी, किस विध हाेसी थारो छुटबो।
जीवन खत्म हुआ तो, जीने का ढंग आया
जिंदगी में हजारों का मेला जुड़ा।
जिंदगी एक किराए का घर है
एक डाल दो पंछी बैठह्या,कोन गुरु कुन चेला
समय को भरोसो कोनी,कद पलटी मार जावे।
बुढ़ापा बैरी, किस विध हाेसी थारो छुटबो।
जीवन खत्म हुआ तो, जीने का ढंग आया
जिंदगी में हजारों का मेला जुड़ा।