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निर्गुण भजन nirgun Bhajan

Nirgun Bhajan,tune hiro so janam, तूने हीरो सो जनम गवांयो

तूने हीरो सो जनम गवांयो रे, भजन बिना बावरे

तूने हीरो सो जनम गवांयो रे, भजन बिना बावरे।

ना तूं आयो संता शरण में, ना तूं हरि गुण गायो। पच पच मर गया बैल की जांई, सोय रहयो उठ खायो रे,भजन बिना बावरे।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹तूने हीरो सो जनम गवांयो रे, भजन बिना बावरे।

यह संसार हाट बनिए की, सब जग सौदा आयो। चतुर तो माल चौगुना कीना, मूर्ख मूल गमायो रे, भजन बिना बावरे।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹तूने हीरो सो जनम गवांयो रे, भजन बिना बावरे।

यो संसार फूल से मरको, सुवा देख लुभायों। मारी चोंच निकल गई रूई, सिर धूनी धूनी पछितायो रे, भजन बिना बावरे।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹तूने हीरो सो जनम गवांयो रे, भजन बिना बावरे।

यो संसार माया का लोभी, ममता महल चिनायो। कहत कबीर सुनो भाई साधो, हाथ कछु नहीं आयो रे, भजन बिना बावरे।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹तूने हीरो सो जनम गवांयो रे, भजन बिना बावरे।

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