बुढ़ापा बैरी, किस विध हाेसी थारो छुटबो।
Tag: Yah vinti hai pal pal
जीवन खत्म हुआ तो, जीने का ढंग आया
यह विनती है पल पल क्षण क्षण, रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में।
बुढ़ापा बैरी, किस विध हाेसी थारो छुटबो।
जीवन खत्म हुआ तो, जीने का ढंग आया
यह विनती है पल पल क्षण क्षण, रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में।