मात पिता से दगो जो करेगो,
चार जनम पछतावेगो,
Tag: He maat meri ab de do darshan karna na deri
थाने निमन करा मैं बारंबार मेरी करणी माता अर्ज़ सुनो।
दर्शन रघुवर का करवा देना जय हनुमत वीरा।
आओ बालाजी आओ बालाजी,
दर्शन को प्यासे हैं नैना
चारों धामों में विराजे भगवान,चलो री दर्शन कर आवें।
मेरी डोरी तिहारे हाथ, जीवन मैंने सौंप दिया।
मेनू नच लेन दे,मेनू नच लेन दे।
हे मात मेरी, अब दे दो दर्शन करना ना देरी
दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी, अखियां प्यासी रे