मत कर माया को अहंकार, मत कर काया को अभिमान, काया गार से काची।
ओ काया गार सूं काची रे काया ओस रो मोती।झोंको पवन रो लग जाय,झपको हवा रो लग जाय,काया धूल होज्यासी।🌹🌹🌹🌹🌹🌹 रे काया धूल होज्यासी।
मत कर माया को अहंकार, मत कर काया को अभिमान, काया गार से काची।
एसो सख्त थो महाराज, जारों मूलकां में राज।जिन घर झूलता हाथी, वां घर दिया ना बाती।हो जिन घर दिया ना बाती,जिन घर दिया ना बाती।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 खूंट गयो दिया रो सब तेल,बिखर गयो सब निज खेल,बुझ गई दिया री बाती।हो बुझ गई दिया री बाती।
झोंको पवन रो लग जाय,झपको हवा रो लग जाय,काया धूल होज्यासी।🌹🌹🌹🌹🌹🌹 रे काया धूल होज्यासी।
झूठा थारा माई बाप, झूठो सगलो परिवार। झूठी कूटता छाती।हो झूठी कूटता छाती।बोल्या भवानी ओ नाथ,गुरुजी सर पे रखद्यों हाथ,जिनस्यूं मुक्ति होय जासि।🌹🌹🌹🌹 हो जिनस्यूं मुक्ति होय जासि।
झोंको पवन रो लग जाय,झपको हवा रो लग जाय,काया धूल होज्यासी।🌹🌹🌹🌹🌹🌹 रे काया धूल होज्यासी।
मत कर माया को अहंकार, मत कर काया को अभिमान, काया गार से काची।