समय को भरोसो कोनी,कद पलटी मार जावे।
Tag: sajdhaj kar jisdin mot
बुढ़ापा बैरी, किस विध हाेसी थारो छुटबो।
जीवन खत्म हुआ तो, जीने का ढंग आया
सजधज के जिस दिन मौत,की शहजादी आयेगी
समय को भरोसो कोनी,कद पलटी मार जावे।
बुढ़ापा बैरी, किस विध हाेसी थारो छुटबो।
जीवन खत्म हुआ तो, जीने का ढंग आया
सजधज के जिस दिन मौत,की शहजादी आयेगी