सज धज कर जिस दिन मौत की शहजादी आएगी
Category: निर्गुण भजन nirgun Bhajan
राम नाम ना लिन्हा,प्राण तो कैसे निकल गए
पंछीड़ा लाल आछी,
पढ़ियो रे उलटी पाटी,
भगवान तेरी इस नगरी में,ये सारी दुनिया बहुत दुःखी
कोई लाख करे चतुरायी,करम का लेख मिटे ना रे भाई
हरि हरि बोल तू तर जायेगा
चुनरिया मेरी ऐसी रंगदो रंगरेज,
जो धोए से होय ना सफेद।
मौको कहाँ ढूंढे है रे बन्दे मैं तो तेरे पास में
चल हंसा उस देश ,समंद जहां मोती
मैने लियो ना हरी को नाम, बुढ़ापो बैरी आय गयो
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