पंछीड़ा लाल आछी,
पढ़ियो रे उलटी पाटी।🌺🌺🌺🌺🌺
ईश्वर ने तू भूल गयो रै,
लख चौरासी काटी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺
पंछीड़ा लाल आछी,
पढ़ियो रे उलटी पाटी।
गर्भवास में दुःख पायो थारे,
घणां दीना री घाटी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺
बाहर आय राम ने भूल्यों,
उल्टी पढ़ ली पाटी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
पंछीड़ा लाल आछी,
पढ़ियो रे उलटी पाटी।
जीव जन्तु ने खाय खाय ने,
बदन बणायो बाटी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
अपने स्वारथ कारणे ने,
लाखा री गर्दन काटी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺
पंछीड़ा लाल आछी,
पढ़ियो रे उलटी पाटी।
माखन बेच्यो दहिड़ो बेच्यो,
बेचीं छाछ री छांटी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺
माया ने ले घर में बूरी,
ऊपर लगा दी टाटी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺
पंछीड़ा लाल आछी,
पढ़ियो रे उलटी पाटी।
आया गया थारा मेहमाना ने,
घाले चूरमो बाटी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
भूखा प्यासा साधुड़ा ने,
घाले राबड़ी खाटी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
पंछीड़ा लाल आछी,
पढ़ियो रे उलटी पाटी।
कहत दास सुणो रे भाई संतो,
लख चौरासी काटी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺
आखिर थाने जाणों पड़सी,
जम रा ज्यारी घाटी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺
पंछीड़ा लाल आछी,
पढ़ियो रे उलटी पाटी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺
दमडो रा लोभी,
आछी पढ़ियो रे उलटी पाटी।