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निर्गुण भजन nirgun Bhajan

Chal hansa us desh,चल हंसा उस देश ,समंद जहां मोती,nirgun bhajan

चल हंसा उस देश ,समंद जहां मोती

चल हंसा उस देश ,
समंद जहां मोती रे।
मोती समंद जहां मोती ,
समंद जहां मोती रे।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺

चल हंसा उस देश निराला ,
बिन शशि भान रहे उजियारा।
जहा लागे ना चोट काल की,जगामग ज्योति रे।चल हंसा उस देश ,समंद जहां मोती रे।

जब चलने की करी तैयारी ,
माया जाल फंस्या अतिभारी।
करले सोच विचार ,घड़ी दोय होती रे।🌺🌺चल हंसा उस देश ,समंद जहां मोती रे।

चाल पड्या जद दुविधा छूटी,
पिछली प्रीत कुटुंब से टूटी।
हंसा भरी उड़ान,हंसनी रोती रे।🌺🌺🌺चल हंसा उस देश ,समंद जहां मोती रे।

जाय किया समंद में बासा ,
फेर नहीं आवण की आशा।
गावै भानीनाथ ,मोत सिर सोती रे।🌺🌺चल हंसा उस देश ,समंद जहां मोती रे।

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