तर्ज, श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा
हे मात मेरी, हे मात मेरी, अब दे दो दर्शन करना ना देरी। इस जग ने मुझसे नजरें हैं फेरी।🌺🌺अब दे दो दर्शन करना ना देरी।
अब तो तुम ही हो, मेरा सहारा। डूब रहा हूं, दे दो किनारा।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 मैया मेरा हाथ पकड़ लो। बेटा हूं मैं भी तो तुम्हारा। विनती है मां तुमसे यह मेरी। अब दे दो दर्शन करना ना देरी।
हे मात मेरी, हे मात मेरी, अब दे दो दर्शन करना ना देरी। इस जग ने मुझसे नजरें हैं फेरी।🌺🌺अब दे दो दर्शन करना ना देरी।
झूठी दुनिया है मोह माया, बेटा तुम्हारी शरण में आया। मुझको भी मा पार लगाओ, रोके रुके ना अश्रु धारा।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 दूर करो दिन रात अंधेरी। अब दे दो दर्शन करना ना देरी।
हे मात मेरी, हे मात मेरी, अब दे दो दर्शन करना ना देरी। इस जग ने मुझसे नजरें हैं फेरी।🌺🌺अब दे दो दर्शन करना ना देरी।
मां तुम को ही सौंपा जीवन। चरणों तुम्हारे सब कुछ अर्पण। तुम हो सहारा तुम हो किनारा। लीला तुम्हारी अपरंपारा।🌺🌺🌺🌺🌺🌺 तुम ही मां जीवन दुनिया हो मेरी।अब दे दो दर्शन करना ना देरी।
हे मात मेरी, हे मात मेरी, अब दे दो दर्शन करना ना देरी। इस जग ने मुझसे नजरें हैं फेरी।🌺🌺अब दे दो दर्शन करना ना देरी।
जिस ने जो मांगा वह मिला है। मैया बेटे से क्यों गिला है। मैं तो बैठा हूं मैं तुम्हारा दुनिया से मिला कैसा सिला है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 मुझको ही सारी विपदा है घेरी।अब दे दो दर्शन करना ना देरी।
हे मात मेरी, हे मात मेरी, अब दे दो दर्शन करना ना देरी। इस जग ने मुझसे नजरें हैं फेरी।🌺🌺अब दे दो दर्शन करना ना देरी।