हनुमत तुम्हारे सहारे मैंने आज, सागर में नइया छोड़ दई।
काहे की तेरी नाव बनी है, काहे की पतवार।
ऐजी काहे की लागी जंजीर, सागर में नइया छोड़ दई।हनुमत तुम्हारे सहारे मैंने आज, सागर में नइया छोड़ दई।
चन्दन की मेरी नाव बनी है, चाँदी की पतवार,
ऐजी सोने की लागी जंजीर, सागर में नइया छोड़ दई।हनुमत तुम्हारे सहारे मैंने आज, सागर में नइया छोड़ दई।
कौन हैं उसमे बैठन वाले, कौन हैं खेवनहार।
ऐजी कौन लगइहैं बेड़ा पार , सागर में नइया छोड़ दई।हनुमत तुम्हारे सहारे मैंने आज, सागर में नइया छोड़ दई।
रामजी उसमे बैठन वाले, लक्ष्मण खेवनहार।
हनुमत भइया लगइहैं बेड़ा पार , सागर में नइया छोड़ दई।हनुमत तुम्हारे सहारे मैंने आज, सागर में नइया छोड़ दई।
Hanumat tumhare sahare Maine aaj Sagar me naiya chod dayi,हनुमत तुम्हारे सहारे मैंने आज, सागर में नइया छोड़ दई,balaji bhajan
हनुमत तुम्हारे सहारे मैंने आज, सागर में नइया छोड़ दई।