तर्ज, मिलती है जिंदगी में
देने से पहले क्या कभी, सोचा है सांवरे। कर्जा भी क्या गरीब का, चूकता है सांवरे।देने….
खुशियां है मेरे पास जो, कर्जा है आपका। रहमो करम है आपका, एहसान आपका। कदमों में सर हमारा, झुकता है सांवरे।🌹🌹कर्जा भी क्या गरीब का, चूकता है सांवरे।देने….
आंखें हमारी शर्म से, उठती कभी नहीं। जो भी लिया है आपसे, वापस कीया नही।🌹🌹🌹 फिर भी ना जाने क्यों मुझे, देता है सांवरे। कर्जा भी क्या गरीब का, चूकता है सांवरे।देने….
कृपा हुई है आपकी, करते हैं शुक्रिया। बनवारी इस गरीब को, क्या-क्या नहीं दिया।🌹🌹🌹 इतना भी क्या कभी कोई, करता है सांवरे।कर्जा भी क्या गरीब का, चूकता है सांवरे।देने….