गोरी कलाई चूड़ा लाल बे,मेरी मां का चोला।
Tag: darsh kara de maiya tere lal ka
अपने गम की दास्तां कैसे करूँ बयां
तू सब कुछ है जानती, अंतर्यामी माँ,
ओ मेरी प्यारी मैया कहते हैं शिव त्रिपुरारी।
दर्शन रघुवर का करवा देना जय हनुमत वीरा।
लाल लाल चुनरी सितारों वाली।जिसे ओढ़कर आई है मां शेरोंवाली।
मईया मैं तेरी पतंग।।
हवा विच उडदी जावांगी
मा तेरे दर पे आना मेरा काम है।
मेरी बिगड़ी बनाना तेरा काम है।
दर्श करा दे मैया तेरे लाल का
तेरे दर पर आकर मुझे क्या मिला है। यह मैं जानता हूं या तूं जानता है।