कानूड़ा का दिल लूट ले गई गुजरी।
Tag: Aur asro chod asro le liyo kuwar kanhayi ko
कान्हा कान्हा कब से पुकारू हर पल तोरी राह को निहारु,
सुन मेरे कान्हा,
ज़रा ये बताना,
खफा हमसे तू क्यूँ हो गया,
आज म्हारे कानुड़े रे काई होयो,
जब छोड़ चलु इस दुनिया को,
होठों पे नाम तुम्हारा हो,
सुनो कान्हा कि ओ मैया, तेरा कान्हा सताता है,
बेदर्दी ओ कान्हा कब तक तड़पाओगे।
मारो माखन गयो रे चुराई यशोदा थारो कानुडो
कानुडा रे घेर ले गायां ने कान्हा,पांच बजगी।पांच बजगी रे कान्हा पांच बजगी।कानुडा रे घेर ले गायां ने कान्हा,पांच बजगी। जमुना तीरे घाट ऊपर,पंछी उड़ गया सारा।काम करणता पाणी आवे,घरमे भाग्या सारा।कानुडा रे घेर ले गायां ने कान्हा,पांच बजगी। गायां का गुवाला आया,दूध दुहबा तांई। मां यशोदा थाने बुलावे,माखन खाबा तांई।कानुडा रे घेर ले गायां […]
कदम तले आय जइयो, कटीले काजर वारी,
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