माटी में मिले माटी पानी में पानी,
अरे अभिमानी अरे अभिमानी।।
Tag: Kahe teri akhiyo me pani krishna diwani
ऐसो चटक मटक सो ठाकुर,
तीनों लोकन हूँ में नाय,
मैं तो हो गई दीवानी तेरे नाम की।
तेरा पाने शेरांवालीये दीदार आ गई।
मीरा विष का प्याला पी गई रे।🌺🌺🌺🌺🌺राम नाम डोर पकड़ फिर,पार उतर गई रे,पार उतर गयी रे,मीरा पार उतर गई रै,मीरा विष का प्याला पी गई रे।राम नाम डोर पकड़ फिर,पार उतर गई रे। राणो विष को प्यालो भेज्यो,दे मीरा ने जाय।राणो विष को प्यालो भेजयो,दे मीरा ने जाय।कर चरणामृत पी गई रे ,थारी सहाय […]
काहें तेरी अखियों में पानी,कृष्ण दीवानी मीरा,
ले ले सूजी ले ले लोटा मीठा पाणी का।
में तो बनके दीवानी सांवरिया की नाचूं रे छम छम
मिट जायेंगे सारे कलेश, अंखियां खोल हरी को देख
मुश्किल हुआ रे मेरा पनघट पे,जाना।
ओ जी ओ गिरधारी नटवर नागरिया
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