मैं बरसाने की गली आ गई हूं,
राधे वृषभानु लली आ गई हूं,
Tag: Dekho vrindavan ki kunj galin me nachat nandkumar
मेरो नंद गांव ससुराल,अब डर काहे को।
हम है वृंदावन के वासी,
हम राधे राधे गाते है,
मैया कर ले विश्राम जाई बन में।
पाके प्रेम वाली झांजर पैरी मैं वृन्दावन नचदी फिरा,
देखो वृन्दावन की कुंज गलिन में, नाचत नन्द्कुमार।
नंद भवन में उड़ रही धूल,धूल मोहे प्यारी लगे।