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एकादशी भजन ekadhshi भजन

Gyaras mata se milan kaise hoy,मिलन कैसे होय की पांचों खिड़की बंद पड़ी,ekadashi bhajan

मिलन कैसे होय की पांचों खिड़की बंद पड़ी।

ग्यारस माता से मिलन कैसे होय की पांचों खिड़की बंद पड़ी।

पहली खिड़की खोलकर देखूं, कूड़ा-कचरा होय।
मुझमें इतनी अकल नहीं आई कि झाड़ू-बुहारा करती चलूं। 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺ग्यारस माता से,मिलन कैसे होय की पांचों खिड़की बंद पड़ी।

दूजी खिड़की खोलकर देखूं, गंगा-जमुना बहे।
मुझमें इतनी अकल नहीं आई कि स्नान करके चलूं।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 ग्यारस माता से,मिलन कैसे होय की पांचों खिड़की बंद पड़ी।

तीजी खिड़की खोलकर देखूं, घोर अंधेरा होय।
मुझमें इतनी अकल नहीं आई कि दीया तो लगाती चलूं।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 ग्यारस माता से,मिलन कैसे होय की पांचों खिड़की बंद पड़ी।


चौथी खिड़की खोलकर देखूं, तुलसी क्यारा होय।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
मुझमें इतनी अकल नहीं आई कि जल तो चढ़ाती चलूं। 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺ग्यारस माता से,मिलन कैसे होय की पांचों खिड़की बंद पड़ी।

पांचवीं खिड़की खोलकर देखूं, सामू मंदिर होय।
मुझमें इतनी अकल नहीं आई कि पूजा-पाठ करती चलूं।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 ग्यारस माता से,मिलन कैसे होय की पांचों खिड़की बंद पड़ी।

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