काल बड़ो बलशाली, जाके भोजन है नर-नारी। ब्रम्हा, रूद्र, इंद्र गण खाये, खाये दैत्य हजारी।
बड़े-बड़े पृथ्वी के राजा, खाये जिमी तरकारी।चाँद सूरज सितारे है नदियाँ, सागर, पर्वत भारी।
काल बड़ो बलशाली, जाके भोजन है नर-नारी। ब्रम्हा, रूद्र, इंद्र गण खाये, खाये दैत्य हजारी।
काल चक्र में सबे पिस जावें, अपने-अपने बारी। नलचर, जलचर, नभचर, वनचर, भूचर-लघु दिग्गज तन धारी।
काल बड़ो बलशाली, जाके भोजन है नर-नारी। ब्रम्हा, रूद्र, इंद्र गण खाये, खाये दैत्य हजारी।