रामा रामा रटते रटते बीती रे उमरिया। रघुकुल नंदन कब आओगे, भीलनी की डगरिया।
मैं सबरी भीलनी की जाई, भजन भाव नहीं जानू रे। राम तुम्हारे दर्शन के हित, बन में जीवन पालूं रे।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 चरण कमल से निर्मल कर दो, दासी की झोपड़िया।रामा रामा रटते रटते बीती रे उमरिया।
रोज सवेरे वन में जाकर, रास्ता साफ कराती हूं। अपने प्रभु के खातिर बन से, चुन-चुन कर फल लाती हूं।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 मीठे मीठे बैरन के भर, लाई रे छबड़िया।रामा रामा रटते रटते बीती रे उमरिया।
नाथ तुम्हारे दर्शन के हित,मैं अबला एक नारी हूं। दर्शन बिन दो नैना तरसे, दिल की बड़ी दुखियारी हूं।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 मुझको दर्शन दे दो दयामय, डालो मेहर नजरिया।रामा रामा रटते रटते बीती रे उमरिया।