बोल बोल कागा मेरे राम कब आयेंगे। दुखियों की झोपड़ी के भाग जग जायेंगे।
आए नही सांवरे लगाई कहां देर री। चुन चुन डलीया में रखे हुवे बैर री। बलि बलि जाऊंगी में राम जब खायेंगे। दुखियों की झोपड़ी के भाग जग जायेंगे।।१
उड़ जा री कागा ला दे राम की खबरिया। आयेंगे धनुषधारी कोन सी डगरिया। अंखियां बिछा दूंगी में चरण जो टिकाएंगे। दुखियों की झोपड़ी के भाग जग जायेंगे।।२
भोले भाले दोनों भाई बड़े ही रिझाते है। टूटी मेरी नैया को पार वो लगाते है। डूबती गरीबनी को पार कब लगाएंगे। दुखियों की झोपड़ी के भाग जग जायेंगे।।३