सब तीरथ कर आई तुम्बडिया,
गंगा नाई गोमती नाई,
Category: निर्गुण भजन nirgun Bhajan
पिंजर भया पुराणा गेला,
पिजंर भया पुराणा रे,
हरि ओम हरि ओम बोल रे तोते। हरि के भजन में तू मार ले गोते।
सुरता रंग महल चाल ,
फुलड़ा री सेज बिछी।
जरा हलके गाड़ी हांको मेरे राम गाड़ी वाले।
भव बिन खेत खेत बिन बाड़ी,
जल बिन रहत चले बाड़ी,
हे बंजारन तेरा छोड़ चला बंजारा।
क्या तन माँजता रे
आखिर माटी में मिल जाना।
तेरी हर सांस है हीरा मोती जो लुटाने के काबिल नहीं है।
भूलूँ नाही एक घड़ी,
मैं सांवरिया थाने,
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