Categories
निर्गुण भजन nirgun Bhajan

Teri har saas hai hira moti jo lutane ke kabil nahi hai,तेरी हर सांस है हीरा मोती जो लुटाने के काबिल नहीं है,nirgun bhajan

तेरी हर सांस है हीरा मोती जो लुटाने के काबिल नहीं है।

तेरी हर सांस है हीरा मोती जो लुटाने के काबिल नहीं है। बड़ी मुश्किल से नर तन मिला है जो गांवाने के काबिल नहीं है।

यह दुनिया बड़ी खूबसूरत, इसको रहती है खुद की जरूरत है। जिसको माया की मौह भरी है, दिल लगाने के काबिल नहीं है।

तेरी हर सांस है हीरा मोती जो लुटाने के काबिल नहीं है। बड़ी मुश्किल से नर तन मिला है जो गांवाने के काबिल नहीं है।

पशु जीते जी सेवा कमावे, बाद मरने के भी काम आवे। जिसने जीते जी सेवा नहीं की, बाद मरने के काबिल नहीं है।

तेरी हर सांस है हीरा मोती जो लुटाने के काबिल नहीं है। बड़ी मुश्किल से नर तन मिला है जो गांवाने के काबिल नहीं है।

तूं तो बंधन में लट्टू है ऐसा,जिसमे जावे खर्च करके पैसा।बिना मोल के मिलता जो सत्संग,जिसमे जाने के काबिल नही है।

तेरी हर सांस है हीरा मोती जो लुटाने के काबिल नहीं है। बड़ी मुश्किल से नर तन मिला है जो गांवाने के काबिल नहीं है।

गई जवानी और आया बुढ़ापा,सबको लगने लगा तूं पराया।तेरे बच्चे कहे मर जा बूढ़े,अब कमाने के काबिल नही है।

तेरी हर सांस है हीरा मोती जो लुटाने के काबिल नहीं है। बड़ी मुश्किल से नर तन मिला है जो गांवाने के काबिल नहीं है।

ऐसा होगा बुरा हाल तेरा,जो बताते बजेगा सबेरा।बन जा सच्चा तूं सेवक प्रभु का,वरना, मुंह दिखाने के काबिल नही है

तेरी हर सांस है हीरा मोती जो लुटाने के काबिल नहीं है। बड़ी मुश्किल से नर तन मिला है जो गांवाने के काबिल नहीं है।

Leave a comment