हे बंजारन तेरा छोड़ चला बंजारा।
इस काया में सात समुंदर कोई मीठा कोई खारा। इस काया में गंगा जमुना त्रिवेणी की धारा।हे बंजारन तेरा छोड़ चला बंजारा।
इस काया में चोर बसत है, माहे पकड़न आला।इस काया में चांद सूरज है, माहे नौलख तारा।🌺हे बंजारन तेरा छोड़ चला बंजारा।
इस काया में सोना चांदी,माहे गढ़े सुनारा।तीन सो साठ तूं घड़ाले माहे तेरा सिंगारा।🌺🌺🌺🌺हे बंजारन तेरा छोड़ चला बंजारा।
इस काया में अनहद बाजे हरमुनी इकतारा। कहत कबीर सुनो भाई साधो, देत किसे नहीं पारा।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺हे बंजारन तेरा छोड़ चला बंजारा।