सुण म्हारा मनवा वीर ,
एड़ी नहीं करणी ।
Category: निर्गुण भजन nirgun Bhajan
छोड़ चला रे बंजारा,
गठडी छोड़ चला बंजारा।।
हंसा नजर नहीं आया प्रेम गुरू,
अंत नजर नहीं आया,
क्यों नैणा भरमावे जी ,
थारे हाथ कबीरो नहीं आवे जी।
लख चौरासी रा छोटा टेशन,
मोटा मिनक जमारा है,
कई खेल्या कई खेल सी ,
कई खेल सिधारया रे ।
आठे रहना नाहीं देस बिराना है। वीराना है एक दिन जाना है
राम नाम की टिकट कटा लो
एक आती एक जाती है
हाड़ मांस का पिंजरा, एक झटके में तोड़ के।
कुछ लेना ना देना मगन रहना,
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