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निर्गुण भजन nirgun Bhajan

Haad maas ka pinjara ek jhatke me tod ke,हाड़ मांस का पिंजरा, एक झटके में तोड़ के,nirgun bhajan

हाड़ मांस का पिंजरा, एक झटके में तोड़ के।

हाड़ मांस का पिंजरा, एक झटके में तोड़ के। उड़ गया हंस अकेला झमेला छोड़ के।

धरे ना धराए,हाथ ना आए। धाम पिया के अपने जाए। मोह माया का बंधन जग से सारा छोड़के।उड़ गया हंस अकेला झमेला छोड़ के।

हाड़ मांस का पिंजरा, एक झटके में तोड़ के। उड़ गया हंस अकेला झमेला छोड़ के।

कहता था जिसे मेरा मेरा। भूल गया वह रेन बसेरा। कोठा महल अटारी सब कुछ यहीं पर छोड़के।उड़ गया हंस अकेला झमेला छोड़ के।

हाड़ मांस का पिंजरा, एक झटके में तोड़ के। उड़ गया हंस अकेला झमेला छोड़ के।

हाड़ मांस का पिंजरा, एक झटके में तोड़ के। उड़ गया हंस अकेला झमेला छोड़ के।

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