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निर्गुण भजन nirgun Bhajan

Kai khelya Kai khelsi Kai khel sidharya re,कई खेल्या कई खेल सी ,कई खेल सिधारया रे,nirgun Bhajan

कई खेल्या कई खेल सी ,
कई खेल सिधारया रे ।

कई खेल्या कई खेल सी ,
कई खेल सिधारया रे ।
सखी इन आंगनिये में ए, बहन इन आंगनिये में ए।


आवो सात सहेलड्यो ,
म्हारा सीम दयो चोला रे ।
में अबला हरी नाम की मेरा, साहेब भोला ए ।

कई खेल्या कई खेल सी ,
कई खेल सिधारया रे ।
सखी इन आंगनिये में ए, बहन इन आंगनिये में ए।


एक छिनोला दूजी कुबड़ी तीजी नाजुक छोटी ए।
नैन हमारा यूँ झुरे जैसे गागर फूटी ए।

कई खेल्या कई खेल सी ,
कई खेल सिधारया रे ।
सखी इन आंगनिये में ए, बहन इन आंगनिये में ए।


जाय उतारया हरिये बड़ तले संगी कुरलाया ए
थे तो थारे घरां पधारो
म्हें होया पराया ए।

कई खेल्या कई खेल सी ,
कई खेल सिधारया रे ।
सखी इन आंगनिये में ए, बहन इन आंगनिये में ए।


दास भणे रे सखी यहाँ नहीं रहना ये
आया बुलावा राम का
सखी लुळ लुळ लेना ए ।

कई खेल्या कई खेल सी ,
कई खेल सिधारया रे ।
सखी इन आंगनिये में ए, बहन इन आंगनिये में ए।

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