रथड़ो धीरे धीरे हांक सांवरिया,वृंदावन ले चाल
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अंगना में तुलसी बाहर तुलसी, तुलसी बड़ी महान रे।
कुबेर चालीसा
अरी तेरे सब संकट कटि जायें,
पूजा गोवर्धन की करिलै।
माखन जो चुराया तो
चलो कोई बात नहीं,
झुक जइयो तनक रघुवीर,सिया मेरी छोटी है,
जब मिलने को दिल चाहे तू ऐसी युगति बनाये
सुध ले लो मेरी घनश्याम,
आप आए नहीं,
सुध लेना घनश्याम मो पर विपद बड़ी भारी। एक तो तन फटे हुए कपड़े, दूजे धाएं नंगे पैर,विपद बड़ी भारी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺सुध लेना घनश्याम मो पर विपद बड़ी भारी। एक तो डगर ऊंची नीची धायी,दूजे मोसे चलत नहीं जाई,विपद बड़ी भारी।।🌺🌺🌺🌺🌺सुध लेना घनश्याम मो पर विपद बड़ी भारी। एक तो रात अंधियारी छाई,दूजे चली ठंडी पुरवाई,विपद बड़ी […]
यह तो बता दो बरसाने वारी, मैं कैसे तुम्हारी लगन छोड़ दूंगा