।। दोहा ।।
जैसे अटल हिमालय,🌺🌺🌺🌺
और जैसे अडिग सुमेर,
ऐसे ही स्वर्ग द्वार पे,
अविचल खडे कुबेर ।
विघ्न हरण मंगल करण,🌺🌺🌺🌺🌺🌺
सुनो शरणागत की टेर,
भक्त हेतु वितरण करो,
धन माया के ढेर ।
।। चौपाई ।।
जै जै जै श्री कुबेर भंडारी,🌺🌺🌺🌺🌺🌺
धन माया के तुम अधिकारी ।
तप तेज पुंज निर्भय भय हारी,🌺🌺🌺🌺
पवन बेग सम तनु बलधारी ।
स्वर्ग द्वार की करे पहरे दारी,🌺🌺🌺🌺
सेवक इन्द्र देव के आज्ञाकारी ।
यक्ष यक्षणी की है सेना भारी,🌺🌺🌺🌺🌺
सेनापती बने युद्ध में धनुधारी ।
महा योद्धा बन शस्त्र धारै,
युद्ध करै शत्रु को मारै ।
सदा विजयी कभी ना हारै,🌺🌺🌺🌺
भगत जनों के संकट टारै ।
प्रपितामह हैं स्वयं विधाता,
पुलिस्त वंश के जन्म विख्याता ।
विश्रवा पिता इडविडा जी माता,🌺🌺🌺🌺
विभिषण भगत आपके भ्राता ।
शिव चरणों में जब ध्यान लगाया,
घोर तपस्या करी तन को सुखाया ।
शिव वरदान मिले देवत्य पाया,🌺🌺🌺
अमृत पान करी अमर हुई काया ।
धर्म ध्वजा सदा लिए हाथ में,
देवी देवता सब फिरैं साथ में ।
पीताम्बर वस्त्र पहरे गात में,
बल शक्ति पुरी यक्ष जात में ।
स्वर्ण सिंहासन आप विराजैं,
त्रिशूल गदा हाथ में साजैं ।
शंख मृदंग नगारे बाजैं,
गंधर्व राग मधुर स्वर गाजैं ।
चौंसठ योगनी मंगल गावैं,
रिद्धी सिद्धी नित भोग लगावैं ।
दास दासनी सिर छत्र फिरावैं,
यक्ष यक्षणी मिल चंवर ढुलावैं ।
ऋषियों में जैसे परशुराम बली हैं,
देवन्ह में जैसे हनुमान बली हैं ।
पुरुषों में जैसे भीम बली हैं,
यक्षों में ऐसे ही कुबेर बली हैं ।
भगतों में जैसे प्रल्हाद बड़े हैं,
पक्षियो में जैसे गरुड बड़े हैं ।
नागों मे जैसे शेष बड़े हैं,
वैसे ही भगत कुबेर बड़े हैं ।
कांधे धनुष हाथ में भाला,
गले फुलो की पहनी माला ।
स्वर्ण मुकुट अरु देह विशाला,
दूर दूर तक होए उजाला ।
कुबेर देव को जो मन में धारे,
सदा विजय हो कभी न हारे ।
बिगड़े काम बन जाए सारे,
अन्न धन के रहे भरे भण्डारे ।
कुबेर गरीब को आप उभारैं,
कुबेर कर्ज को शीघ्र उतारैं ।
कुबेर भगत के संकट टारैं,
कुबेर शत्रु को क्षण में मारैं ।
शीघ्र धनी जो होना चाहे,
क्युं नही यक्ष कुबेर मनाए ।
यह पाठ जो पढे पढाए,
दिन दुगना व्यापार बढाए ।
भूत प्रेत को कुबेर भगावैं,
अडे काम को कुबेर बनावैं ।
रोग शोक को कुबेर नशावैं,
कलंक कोढ को कुबेर हटावैं ।
कुबेर चढे को और चढादे,
कुबेर गिरे को पुनः उठा दे ।
कुबेर भाग्य को तुरन्त जगा दे,
कुबेर भुले को राह बता दे ।
प्यासे की प्यास कुबेर बुझा दे,
भुखे की भुख कुबेर मिटा दे ।
रोगी का रोग कुबेर घटा दे,
दुखिया क दुख कुबेर छुटा दे ।
बांझ की गोद कुबेर भरा दे,
कारोबार को कुबेर बढा दे ।
कारागार से कुबेर छुडा दे,
चोर ठगों से कुबेर बचा दे ।
कोर्ट केस में कुबेर जितावैं,
जो कुबेर को मन में ध्यावै ।
चुनाव में जीत कुबेर करावै,
मंत्री पद पर कुबेर बिठावैं ।
पाठ करे जो नित मन लाई,
उसकी कला हो सदा सवाई ।
जिसपे प्रसन्न कुबेर की माई,
उसका जीवन चले सुखदाई ।
जो कुबेर का पाठ करावै,
उसका बेडा पार लगावै ।
उजडे घर को पुनः बसावै,
शत्रु को भी मित्र बनावै ।
सहस्त्र पुस्तक जो दान कराई,
सब सुख भोद पदार्थ पाई ।
प्राण त्याग कर स्वर्ग में जाई,
मानस परिवार कुबेर कीर्ति गाई ।
।। दोहा ।।
शिव भक्तों में अग्रणी,
श्री यक्षराज कुबेर,
हृदय मे ज्ञान प्रकाश भर,
कर दो दूर अंधेर ।
कर दो दूर अंधेर अब,
जरा करो ना देर,
शरण पडा हुं आपकी,
दया की दृष्टि फेर ।