सेवक के प्राण पुकार रहे, गुरुदेव हरे गुरुदेव हरे।
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जीवन में जी कर देख लिया,
आराम तो है पर चैन नहीं।
काली कमली के नीचे आजा क्यों भीजे राधा खड़ी-खडी।
तेरी कैसे मुक्ति होए, हां होए, तने बरत करे ना ग्यारस के।
खाटू नरेश दिलदार दुनिया, सारा जग जाने।
श्याम मेरा में श्याम की होई रे। अब क्या करेगा कोई रे।
तुलसी कहां से लाऊं रे श्याम तुलसी पर मचले।
तेरे सिर पर गठरी पाप की, तेरे लगी भरम की भूल, भक्ति कर भगवान की।
नौलख तारां बीच चन्द्रमा, म्हारे सतगुरु चंद्रभान।
सुन इकतारे आली,तेरा भूखा मरगया हाली रे
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