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निर्गुण भजन nirgun Bhajan

Jiwan me ji kar dekh liya,aaram to hai par chain nahi,जीवन में जी कर देख लिया,आराम तो है पर चैन नहीं,nirgun bhajan

जीवन में जी कर देख लिया,
आराम तो है पर चैन नहीं।

जीवन में जी कर देख लिया,
आराम तो है पर चैन नहीं।

घर बार दिया परिवार दिया,🌺🌺🌺🌺🌺
घर में एक सुंदर नार दिए।
सब देखकर मुझको बांध लिया,
आराम तो है पर चैन नहीं।जीवन में जी कर देख लिया,आराम तो है पर चैन नहीं।

मुझे बेटा दिया और बेटी दैई,🌺🌺🌺🌺🌺
दाता ने रोटी दाल दयी,
मुझे मोह ममता ने बांध लिया,
आराम तो है पर चैन नही।जीवन में जी कर देख लिया,आराम तो है पर चैन नहीं।


सीता की सहेली लाखों थी,🌺🌺🌺🌺🌺
जब वन को गए तब कोई नहीं।
वह खड़ी पुकारे उस वन में,
मेरे चारों ओर अंधेरा है।
जीवन में जी कर देख लिया,
आराम तो है पर चैन नहीं।

मेरी बीच भंवर में नैया है,🌺🌺🌺🌺
प्रभु कोई न पार लगईया है।
आ जाओ मेरे प्राण नाथ, मेरी नैया पार लगा जाओ। जीवन में जी कर देख लिया,
आराम तो है पर चैन नहीं।

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