काली कमली के नीचे आजा, क्यों भीजे राधा खड़ी-खडी।
तेरे माथे का टीका भीगे, झूमर की भीगे लड़ी लड़ी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺काली कमली के नीचे आजा क्यों भीजे राधा खड़ी-खडी।
तेरे गले का हार भी भीगे, पेंडल की भीगे लड़ी लड़ी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺काली कमली के नीचे आजा, क्यों भीजे राधा खड़ी-खडी।
तेरे हाथों का कंगना भीगे। चूड़ियों की भीगे लड़ी लड़ी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺काली कमली के नीचे आजा क्यों भीजे राधा खड़ी-खडी।
तेरी कमर की पेटी भीगे, गुच्छे की भीगे लड़ी लड़ी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺काली कमली के नीचे आजा क्यों भीजे राधा खड़ी-खडी।
तेरे पैरों की पायल भीगे, बिछवे की भीगे लड़ी लड़ी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺काली कमली के नीचे आजा क्यों भीजे राधा खड़ी-खडी।
तेरी अंगों का लहंगा भीगे, चुनर की भीगे जरी जरी। 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺काली कमली के नीचे आजा क्यों भीजे राधा खड़ी-खडी।
में कैसे आऊं मोहन, यह सखियां देखे खड़ी-खड़ी। 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺काली कमली के नीचे आजा क्यों भीजे राधा खड़ी-खडी।