दुःख में मत घबराना पंछी,ये जग दुःख का मेला है।
Tag: Kis vidh hosi tharo chutbo
एक डाल दो पंछी बैठह्या,कोन गुरु कुन चेला
समय को भरोसो कोनी,कद पलटी मार जावे।
बुढ़ापा बैरी, किस विध हाेसी थारो छुटबो।
दुःख में मत घबराना पंछी,ये जग दुःख का मेला है।
एक डाल दो पंछी बैठह्या,कोन गुरु कुन चेला
समय को भरोसो कोनी,कद पलटी मार जावे।
बुढ़ापा बैरी, किस विध हाेसी थारो छुटबो।