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निर्गुण भजन nirgun Bhajan

Nirgun Bhajan,Jindagi ek kiraye ka ghar, जिंदगी एक किराए का घर है,

जिंदगी एक किराए का घर है

जिंदगी एक किराए का घर है, एक ना एकदिन बदलना पड़ेगा। 🌹🌹🌹🌹🌹मौत जब तुझको आवाज देगी, छोड़ कर घर निकलना पड़ेगा।

रात के बाद होगा सवेरा,देखना हो जो दिन को सुनहरा।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹पांव फूलों पे धरने से पहले, राह कांटों की चलना पड़ेगा।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹मौत जब तुझको आवाज देगी, छोड़ कर घर निकलना पड़ेगा।

जिंदगी एक किराए का घर है, एक ना एकदिन बदलना पड़ेगा।

यह जवानी है पल भर का सपना। ढूंढ ले कोई हरी साथ अपना।🌹🌹🌹🌹🌹🌹 गर जवानी निकल जाएगी तो,हाथ ताउम्र मलना पड़ेगा।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹मौत जब तुझको आवाज देगी, छोड़ कर घर निकलना पड़ेगा।

जिंदगी एक किराए का घर है, एक ना एकदिन बदलना पड़ेगा।

सब झूठे है रिश्ते और नाते,कोई भी तेरे साथ ना जाते।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 तूं अकेला है आया मुसाफिर,अब अकेला ही चलना पड़ेगा।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹मौत जब तुझको आवाज देगी, छोड़ कर घर निकलना पड़ेगा।

जिंदगी एक किराए का घर है, एक ना एकदिन बदलना पड़ेगा।

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