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निर्गुण भजन nirgun Bhajan

samay ko bharoso koni,nirgun Bhajan, समय को भरोसो कोनी,कद पलटी मार जावे

समय को भरोसो कोनी,कद पलटी मार जावे।

समय को भरोसो कोनी,कद पलटी मार जावे।४।

कदै कदै गादडा सूं,सिंह हार जावे।२।समय को भरोसो कोनी,कद पलटी मार जावे।२।

गुरु वशिष्ठ महामुनी ज्ञानी, लिख लिख बात बतावे। श्री राम जंगल में जावे, किस्मत पलटी खावे।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 राजा दशरथ प्राण त्याग दें, हाथ लगा नहीं पावे।२।समय को भरोसो कोनी,कद पलटी मार जावे।

कदै कदै गादडा सूं,सिंह हार जावे।२।समय को भरोसो कोनी,कद पलटी मार जावे।२।

राजा हरिश्चंद्र रानी तारावती, रोहिताश कंवर कहलावे। ऐसो खेल रचयों म्हारो दाता, तीनों ही बिकवा जावे।🌹🌹🌹🌹 एक हरिजन एक ब्राह्मण घर एक कुब्जा घर जावे।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹समय को भरोसो कोनी,कद पलटी मार जावे

कदै कदै गादडा सूं,सिंह हार जावे।२।समय को भरोसो कोनी,कद पलटी मार जावे।२।

राजा की बेटी पदमा मोर ने परणावे। मोर तो जंगल में मर गयो, किस्मत पलटी खावे। मैहर हो गई शिव जी की जो, मोर ने मर्द बनावे।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹समय को भरोसो कोनी,कद पलटी मार जावे।

कदै कदै गादडा सूं,सिंह हार जावे।२।समय को भरोसो कोनी,कद पलटी मार जावे।२।

राजा भरत की रानी पिंगला, महलों में सुख पावे। शिकार खेलने राजा भरत जी, जंगल माही जावे। 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹ऐसा गुरु गोरखनाथ मिलगा, राजा जोगी हो जावे।समय को भरोसो कोनी,कद पलटी मार जावे।

कदै कदै गादडा सूं,सिंह हार जावे।२।समय को भरोसो कोनी,कद पलटी मार जावे।२।

गुरु कहवे ममता की वाणी, अमृत रस बरसावे। म्हारो मनडो कहयो नहीं माने, फिर फिर गोता खावे।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 हरिदास गुरु मिलिया पूरा,रामदास जस गावे।समय को भरोसो कोनी,कद पलटी मार जावे।

कदै कदै गादडा सूं,सिंह हार जावे।२।समय को भरोसो कोनी,कद पलटी मार जावे।२।

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