गुरुकुल में पढ़ने जब आया साँवरा,
बस्ते में बाँसुरी ले आया सांवरा,
Tag: Dil le gaya sawariya sarkar
अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है
सपने में आ जाना मईया,ये बोल के सोते है
सांवरिया के आगे खड़ा हूँ,कर जोड़,
मायरो भरेगो म्हारो प्यारो नंदकिशोर।
मेरे संवलिया सरकार, कबसे खड़ा हूँ मैं तेरे द्वार
यही हसरतें तलब हैं, ये ही आरजू है दिल में,
किसी रोज़ तुमसे मुलाकात होगी
तभी तुमसे बाबा दिल की बात होगी।
नखरो छोड़ दे साँवरिया, थोड़ो सीधो हो जा रे नखरो छोड़ दे।
अब तो आजा सांवरिया रे
अब तो आजा सांवरिया रे।
भोले दानी है सरकार, सब के भरते हैं भंडार।
हे राजन तुम दिल के कठोर निकले,
सिया चोरी चोरी लाये बड़े चोर निकले।
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