सरब सुहागन मिल मंदीरिए में आई,तो दादीजी के हाथ रचाई जी या मेहंदी।🌹🌹🌹🌹🌹तो मैयाजी के हाथ रचाई जी या मेहंदी।
सोने की झारी में गंगाजल लाई। तो कंचन थाल घूलाई जी या मेहंदी।सरब सुहागन मिल मंदीरिए में आई,तो दादीजी के हाथ रचाई जी या मेहंदी।
चांदी की चौकी पर चोक पूरायो।तो दादी जी बैठ मंडाई जी या मेहंदी।सरब सुहागन मिल मंदीरिए में आई,तो दादीजी के हाथ रचाई जी या मेहंदी।
भाव भरी मेहंदी हाथ रची है। तो दादी जी ने बहुत ही प्यारी जी या मेहंदी।सरब सुहागन मिल मंदीरिए में आई,तो दादीजी के हाथ रचाई जी या मेहंदी।
चरण धोए चरणा मैं लागी। तो आशीष लेकर आईजी या मेहंदी।सरब सुहागन मिल मंदीरिए में आई,तो दादीजी के हाथ रचाई जी या मेहंदी।
अन्न धन लक्ष्मी बहुत घणा दे।म्हारा टाबरिया की बेल बढ़ाई जी या मेहंदी।सरब सुहागन मिल मंदीरिए में आई,तो दादीजी के हाथ रचाई जी या मेहंदी।
दया दृष्टि कर द्यों दादी जी।थारा टाबरिया मिल सब गाई जी या मेहंदी।सरब सुहागन मिल मंदीरिए में आई,तो दादीजी के हाथ रचाई जी या मेहंदी।