मैं देखु जिस और सखी री,
सामने मेरे सांवरिया,
Tag: Cham cham karti aawe he sakhi
कार्तिक के जाते ही मन में चाव चढ़ गया,
चली आइयो सखियां सारी, वंशीवट पे।
चलो-२ सखी अब जाना,पिया भेज दिया परवाना।
सखी माता के मेला में, में तो डटगी।
सखी री मैं तो बगिया में देख आई राम,
मां के मंदिर में लगा है दरबार, मैं छम छम नाचूंगी।
बैठ रेल में आऊं रे,मेरी शेरावाली मैया।
मैया दिल बेकरार तेरे बिना
पीपल का पत्ता तोड़के पतंग बना लेना
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