अपने गम की दास्तां कैसे करूँ बयां
तू सब कुछ है जानती, अंतर्यामी माँ,
Tag: Chalo re bhakto maiya ki nagri
नौ नौ रूप मैया जी के,
बड़े प्यार लागे।
चिट्ठी राम जी के नाम लिख दो।सारे भक्तों का प्रणाम लिख दो।
भक्ति रो दान म्हाने देवजो,
गुरु देवो रा देवा रे,
मेरी मैया के दो बोल प्यारे प्यारे। वह तो है जिंदगी के सहारे
मईया मैं तेरी पतंग।।
हवा विच उडदी जावांगी
भक्तों फूल बरसाओ,मेरी कैला मां आई है।मेरी दुर्गे मां आई है।
नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो।
भगवान तेरी इस नगरी में,ये सारी दुनिया बहुत दुःखी
शेर सवारी शेर सवारी, उसमें बैठी मेरी मैया। चलाने वाला लांगुरिया।
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