फूल कमलों से निकले गणेश ललना,
Tag: Bhakto phool barsao
मेरों मन लाग्यो बरसाने में, जहाँ विराजे राधा रानी,
अगर देना किशोरी जू
मुझे इतनी दुआए देना।
खुदा ने पूछ लिया
बैकुंठ जाना है
चिठ्ठी लिख दी किशोरी जी के नाम,
बूला लो मुझे बरसाना,
भक्ति रो दान म्हाने देवजो,
गुरु देवो रा देवा रे,
तुम हो गुलाब का फूल सतगुरु मेरे।
मेरी विनती यही है राधा रानी, कृपा बरसाए रखना।
कान्हा कान्हा करती राधा घूम रही बरसाने में।
जब भक्त नहीं होंगे भगवान कहाँ होंगे,
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