क्या चढ़ाऊं में भोले पर,फूल नहीं मेरा दिल है
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सिया राम के मधुर मिलन से, फूल बगिया मुस्काये
झोपडी बरसाने जा बनाऊंगी
मैया को अपने घर बुलाएंगे,सारे मिलकर मां का लाड़ लड़ाएंगे।
शेरावाली कब आओगी, मेरे अंगना
काली लिए खड़ी तलवार,दानव घेर घेर के मारे
शेरों वाली ने मुझको बहुत कुछ दिया।तेरा शुक्रिया मां तेरा शुक्रिया।
भक्तों फूल बरसाओ,मेरी कैला मां आई है।मेरी दुर्गे मां आई है।
बरसाने में धूम मची भारी, आयो है जन्मदिन लाली को।
सब देवों ने फूल बरसाए,महाराज गजानन आए।