सिर पे मोर मुकुट है साजे,
और घुंघराले बाल,
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श्री गोवर्धन वासी सांवरे लाल
हार कर दर पे जो आता है
खुल गए भाग हमारे,गुरुदेव पधारे
छोड़ कर संसार जब तू जाएगा
माँ कौशल्या तुझको पुकारे,चले आओ अब राम हमारे
तुलसा मगन भई राम गुण गाए के।
मेरी सदा हितकारी,बरसाने वारी।
हाँ मेरी पहचान मेरा,खाटू वाला श्याम है,
रथड़ो धीरे धीरे हांक सांवरिया,वृंदावन ले चाल
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