तर्ज,सावन सुरंगों जोर को जी कोई
छोटी सी थारी चटी आँगली जी कईयां,गिरवर ने उठाई,हो कईयां पर्वत ने उठाई।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚आज, म्हाने भी बताओ जी, ओ जी म्हारा सांवरा।
नानी बाई को भर्यो मायरो जी कोई,खीचड़ बासी खायो।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚हो कोई मीरा ने बचायो।अब, डूबे है म्हारी नाव,आजा आजा सांवरा।
छोटी सी थारी चटी आँगली जी कईयां,गिरवर ने उठाई,हो कईयां पर्वत ने उठाई।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚आज, म्हाने भी बताओ जी, ओ जी म्हारा सांवरा।
छप्पर छायो तूं तो नामदेव,साड़ी द्रोपदी बढ़ायो।हो चीर द्रोपदी बढ़ायो।🦚🦚🦚 बालद लायो घर कबीर, ओ जी म्हारा सांवरा।
छोटी सी थारी चटी आँगली जी कईयां,गिरवर ने उठाई,हो कईयां पर्वत ने उठाई।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚आज, म्हाने भी बताओ जी, ओ जी म्हारा सांवरा।
अर्जुन कांपयो देख कुटुम्बो,बीने धीरज बंधायो।हो बीने कालजे लगायो।🦚🦚🦚गीता ज्ञान सुनायो जी, ओ जी म्हारा सांवरा।
छोटी सी थारी चटी आँगली जी कईयां,गिरवर ने उठाई,हो कईयां पर्वत ने उठाई।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚आज, म्हाने भी बताओ जी, ओ जी म्हारा सांवरा।
जाट के खेत में बनयों रुखालो,सारों खेत निपजायो। खड़यो मुरली बजायो।🦚🦚🦚अब क्यूं करे है वांर, ओ जी म्हारा सांवरा।
छोटी सी थारी चटी आँगली जी कईयां,गिरवर ने उठाई,हो कईयां पर्वत ने उठाई।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚आज, म्हाने भी बताओ जी, ओ जी म्हारा सांवरा।