ओ जी ओ गिरधारी नटवर नागरिया,
Tag: Aali re mohe lage vrindavan niko
आज मोहे राधा छल गई रे।।
मेरे राम वन वन भटक रहे,मेरी सिया गई तो कहां गई।
मैया मुझे मालूम नहीं तुम्हें कैसे सजाया जाता है
मेरी मैया रानी आजा,तेरी बाट निहारूं खड़ी खड़ी
दशरथ के राजकुमार,
वन में फिरते मारे मारे,
वृन्दावन के बांके बिहारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी
आली री मोहे लागे वृन्दावन नीको।
मेरी छोड़ अवध नगरी, वन राम जो जायेंगे
में वृंदावन में रोई,मेरे श्याम को मनालो कोई
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