आली री मोहे लागे वृन्दावन नीको।
घर घर तुलसी ठाकुर सेवा, दर्शन गोविंद जिको।२🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
आली री मोहे लागे वृन्दावन नीको।आली री मोहे लागे वृन्दावन नीको।
निर्मल नीर बहत यमुना को, भोजन दूध दही को।२।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
आली री मोहे लागे वृन्दावन नीको।आली री मोहे लागे वृन्दावन नीको।
रतन सिंहासन आप विराजे, मुकुट धरे तुलसी को।२।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
आली री मोहे लागे वृन्दावन नीको।आली री मोहे लागे वृन्दावन नीको।
कुंजन कुंजन फिरत राधिका, शब्द सुनत मुरली को।२।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
आली री मोहे लागे वृन्दावन नीको।आली री मोहे लागे वृन्दावन नीको।
मीरा के प्रभु गिरधर नागर, भजन बिना नर फीको।२।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
आली री मोहे लागे वृन्दावन नीको।आली री मोहे लागे वृन्दावन नीको।