तेरी सुन मुरली की तान ओ तान, मैं तो भूल गई सुध सांवरिया।
मैं तो भूल गई सुध सांवरिया।मैं तो भूल गई सुध सांवरिया।तेरी सुन मुरली की तान ओ तान, मैं तो भूल गई सुध सांवरिया।
जब बंसी बजाते बनवारी। सखी झूम उठे गोपी सारी। मेरा मोह लेते वह ध्यान, ओ ध्यान,मैं तो भूल गई सुध सांवरिया।
तेरी सुन मुरली की तान ओ तान, मैं तो भूल गई सुध सांवरिया।
तेरी मधुर मुरलिया मन बसगी। हम सबकी जान इस में बसगी। मुरली पर जान कुर्बान, कुर्बान,मैं तो भूल गई सुध सांवरिया।
तेरी सुन मुरली की तान ओ तान, मैं तो भूल गई सुध सांवरिया।
तेरी बंसी सुने नंद के छईया। तेरी दौड़ पड़े सारी गैया। सबको करती हैरान, हैरान,मैं तो भूल गई सुध सांवरिया।
तेरी सुन मुरली की तान ओ तान, मैं तो भूल गई सुध सांवरिया।
यह धीरज धीर धरे कोन्या। मुरली सुन पेट भरे कोन्या। दिल मचले यह नादान, नादान,मैं तो भूल गई सुध सांवरिया।
तेरी सुन मुरली की तान ओ तान, मैं तो भूल गई सुध सांवरिया।