बीती आधी रात हनुमान भी ना आए,
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हनुमत डटे रहो आसन पर,
जब तक कथा राम की होय,
अरे रे मन कर दिया तूने चाला,
बगल में छुरी हाथ में माला।
Man lagi mero yaar fakiri me,
बाल समय रवि भक्ष लियो, तब तिनहुं लोक भयो अंधियारो
श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुर सुधार
पांव में घुंघरू बांध के नाचे जपे राम की माला।
अंजनी मां के हुयो लाल, बधाई सारे भगतां ने
आ लौट के आजा हनुमान तुझे श्री राम बुलाते है
हे पवनपुत्र बजरंग बली श्री राम दूत हनुमान, आसरो थारो है