ऐसा देश दीवाना संतो,
ऐसा देश दीवाना,
Category: विविध भजन
मै तो हवा हूँ किस तरह,
पहरे लगाओगे,
बहुत कमाया राजा तेरे घर में।अब जाऊंगी सत्संग में।
ना मूरत में ना तीरथ में,
ना कोई निज निवास में,
चोंच बनाबा वालो चुगो ,
देवेलो हरी चिंता छोड़ दे परी।
भजन कर ले।
जनम मरण और परण प्रभु,
है सब तेरे हाथ,
पांच गाँव मारे पांडवों ने देवो,
अरे बाकी राज तुम्हारा,
बाबा जी तेरी खोली में छम छम नाचे मोर
देख हृदय धर ध्यान बावरे,दुनियां नहीं बलवान ।
होनी होती है बलवान।
जो करते रहोगे भजन धीरे धीरे,
तो मिल जायेगा वो सजन धीरे धीरे।।
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