सुनो रे प्यारे भाई,हरी के भरोसे हांको गाड़ी
Category: निर्गुण भजन nirgun Bhajan
सब जीते जी के झगड़े हैं,ये मेरा है,वो तेरा है
चले जा चले जा चले जा,तुझे राम मिले,घनश्याम मिले।
किसको पता है कब यह हंसा, तन पिंजरे को छोड़े
तूं करले भजन जवानी में,मत करना वेट बुढ़ापे का।
ना देना दोष किस्मत को, विपद तो सब पे आती है,
काया कमल फूल,सेवा मेरी कौन करेगा
जितनी कमा ले माया, साथ ना जानी
हरी नाम नहीं तो जीना क्या।
हरी मिलते है दिल को लगाने से
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