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निर्गुण भजन nirgun Bhajan

Na dena dosh kismat ko, ना देना दोष किस्मत को, विपद तो सब पे आती है,nirgun Bhajan

ना देना दोष किस्मत को, विपद तो सब पे आती है,

ना देना दोष किस्मत को, विपद तो सब पे आती है।

विपद आई उन अंधों पे,लाल शरवन सा पाया था।२।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺ना देना दोष किस्मत को, विपद तो सब पे आती है।

विपद आई उन अंधों पे,लाल शरवन सा पाया था।२।ना देना दोष दसरथ को,विपद तो सब पे आती है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺ना देना दोष किस्मत को, विपद तो सब पे आती है।

विपद आई राजा दशरथ पे,राम जब वन को जा रहे थे।२।ना देना दोष कैकई को,विपद तो सब पे आती है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺ना देना दोष किस्मत को, विपद तो सब पे आती है।

विपद आई नार द्रोपद पे,सभा में चीर हरण करते।२।ना देना दोष कौरव को,विपद तो सब पे आती है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺ना देना दोष किस्मत को, विपद तो सब पे आती है।

विपद आई उन पांडव पे,छूटा था देश उनका भी।२।ना देना दोष जुवे को,विपद तो सब पे आती है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺ना देना दोष किस्मत को, विपद तो सब पे आती है।

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